बह्र: 22 / 22 / 22 / 22 / 22 / 22 / 22

  1. बह्र का नाम: बहरे मीर
    • ये सबसे आसान और लचीली बहर है।
    • इसमें सहूलियत ये है कि आप 22 की जगह 211 या 121 या 112 भी कर सकते हैं.
    • इसे हिंदी के छंद और बह्र का मिश्रण माना जाता रहा है।
    • अरूज़ के नियम न होने के बावजूद इस मात्रिक बहर को अपवाद के तौर पर अरूज़ की बहरों के साथ रखा गया है।
    • सत्रहवीं शताब्दी से चली आ रही बह्र का सब से ज़्यादा इस्तेमाल मीर ने किया।
  2. मात्राएँ: 22 22 22 22 22 22 2
  3. इस बह्र में लिखी गई कुछ ग़ज़लें:
  4. ये भी देखें: मीर तक़ी मीर द्वारा इस्तेमाल की गई बह्रें और उनके उदहारण

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वर्तनी की कमियों की माफ़ी!
आगे पढ़ें:
बह्र की किस्में
बह्र क्या है

ग़ज़ल में तक़्तीअ कैसे करें
उर्दू ज़ुबान और शायरी से
जुड़ी कुछ अन्य चीज़ें:
उर्दू मैंने यूँ सीखी
मेरे मनपसंद शायर और कवि
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